उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन, परिवार ने की पुष्टि

Photo of author

By Mukesh

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक युग का अंत हो गया। विश्वविख्यात तबला वादक और पद्म विभूषण से सम्मानित उस्ताद जाकिर हुसैन का 15 दिसंबर 2024 को 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उन्होंने अपनी कला से न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में संगीत प्रेमियों के दिलों में एक खास जगह बनाई थी।

उस्ताद जाकिर हुसैन का का जीवन:

उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता, उस्ताद अल्ला रखा खान साहब, भी एक महान तबला वादक थे। जाकिर हुसैन ने बहुत कम उम्र में ही तबला बजाना शुरू कर दिया था और अपने पिता से ही इसकी शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से तबला वादन में महारत हासिल की और बहुत ही कम समय में अपनी अलग पहचान बना ली। उनकी उंगलियां जब तबले पर थिरकती थीं, तो संगीत का एक जादू सा छा जाता था।

उस्ताद जाकिर हुसैन का संगीत का सफर:

उस्ताद जाकिर हुसैन का संगीत का सफर छह दशकों से भी अधिक समय तक चला। उन्होंने दुनिया के कई बड़े संगीतकारों के साथ काम किया और अपनी कला का प्रदर्शन किया। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को पश्चिमी संगीत के साथ मिलाकर फ्यूजन संगीत को भी बढ़ावा दिया। उनके संगीत में एक अद्भुत लय और ताल का संगम होता था, जो सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देता था।

उस्ताद जाकिर हुसैन का पुरस्कार और सम्मान:

उस्ताद जाकिर हुसैन को उनके संगीत में योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उन्हें 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, उन्होंने पांच बार ग्रैमी पुरस्कार भी जीता था, जो उनके संगीत की उत्कृष्टता का प्रमाण है। उन्हें 1999 में अमेरिका का नेशनल हेरिटेज फेलोशिप और 2017 में एसएफजैज़ लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी दिया गया था।

उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन:

उस्ताद जाकिर हुसैन पिछले कुछ समय से इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस नामक एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। दो हफ्ते से सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, जहाँ उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके परिवार में उनकी पत्नी एंटोनिया मिन्नेकोला, बेटियां अनीसा कुरैशी और इजाबेला कुरैशी, भाई तौफीक कुरैशी और फजल कुरैशी, और बहन खुर्शीद औलिया शामिल हैं

उस्ताद जाकिर हुसैन की सम्पति:

उस्ताद जाकिर हुसैन ने अपनी कला से भारतीय शास्त्रीय संगीत को पूरी दुनिया में एक नई पहचान दिलाई। उन्होंने युवा पीढ़ी को संगीत के प्रति प्रेरित किया और कई नए कलाकारों को मार्गदर्शन दिया। उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करती रहेगी।

आप यह भी पढ़े

Rajasthan Free Tablet Yojana 2024: 8वीं से 12वीं के 55800 स्टूडेंट्स को सरकार दे रही फ्री टेबलेट, देखें पूरी खबर

Leave a Comment