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Munawwar Rana का निधन, उर्दू साहित्य जगत में शोक की लहर

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Munawwar Rana passes away

Munawwar Rana, उर्दू साहित्य के मशहूर शायर और गीतकार का सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा।

मशहूर उर्दू शायर मुनव्वर राणा का 71 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह रविवार, 14 जनवरी, 2024 को दिल्ली में अपने आवास पर निधन हो गए।

Munawwar Rana का निधन

Munawwar Rana का जन्म 21 जनवरी, 1953 को उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में हुआ था। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उर्दू में एमए किया था। उन्होंने अपने साहित्यिक करियर की शुरुआत 1970 के दशक में की थी।

उनके प्रमुख काव्य संग्रहों में “अगर मैं मर गया तो”, “एक और अजनबी”, “दिल की आवाज़”, “आवाज़”, “मेरी कविताएँ” और “मुनव्वर राणा की कविताएँ” शामिल हैं। उन्होंने कई फिल्मों के लिए गीत भी लिखे, जिनमें “आशिकी”, “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे”, “कभी खुशी कभी गम” और “कभी अलविदा ना कहना” शामिल हैं।

राणा को उनके साहित्यिक योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें पद्मश्री, साहित्य अकादमी पुरस्कार और दयाराम साहनी सम्मान शामिल हैं।

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Mukesh Mukesh Khoja, Sports And Current News Writer (shikharbharat.com) Read More
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