International Yoga Day: हर साल 21 जून को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, प्राचीन योग परंपरा का वैश्विक सम्मान है। भारत की इस प्राचीन परंपरा ने दुनियाभर में अपनी जगह बनाई है। योग न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वस्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। आइए, इस खास दिन के इतिहास, महत्व और इसे कैसे मनाया जाता है, इस बारे में विस्तार से जानें।
International Yoga Day की शुरुआत
सितंबर 2014 में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को हर साल World Yoga Day मनाने का प्रस्ताव रखा। ये तारीख खास है क्योंकि ये उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे लंबा दिन होता है। उसी साल, संयुक्त राष्ट्र (UN) ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा बुलाए गए परामर्श के बाद “योग दिवस” टाइटल वाले प्रस्ताव को अपना लिया। इस प्रस्ताव को जबरदस्त समर्थन मिला, 177 देशों ने UN महासभा में इसके सह-प्रायोजक के तौर पर हस्ताक्षर किए और सर्वसम्मति से इसे पारित कर दिया गया।
International Yoga Day 21 June को ही क्यों?
21 जून को ग्रीष्म संक्रांति होती है, यानि सूरज सबसे ज्यादा देर तक टिका रहता है। हिन्दू धर्म में इस दिन का विशेष आध्यात्मिक महत्व है। ये दक्षिणायन का समय शुरू होना माना जाता है, और संक्रांति के बाद दूसरे पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। कहानियों के अनुसार, इसी पवित्र दिन भगवान शिव, जो पहले योगी (आदि योगी) थे, ने मानव जाति को योग का ज्ञान देना शुरू किया था, और इस तरह वो पहले गुरु (आदि गुरु) बने।
International Yoga Day Global Celebrations
2015 से, जब से पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया, ये पूरी दुनिया में जश्न बन चुका है। न्यूयॉर्क, पेरिस, बीजिंग, बैंकॉक, कुआलालंपुर, सियोल और नई दिल्ली जैसे शहरों में भी लोग बड़े चाव से योग अपना रहे हैं। पार्कों, मैदानों और योग स्टूडियो में लोग इकट्ठे होकर तरह-तरह के योगासन सीखते हैं, प्राणायाम करते हैं और ध्यान लगाते हैं. इसका मकसद ये है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पता चले कि योग न सिर्फ हमारे शरीर को दुरुस्त रखता है बल्कि दिमाग को भी शांत और चुस्त रखता है और तनाव को भी कम करता है।
आप योग कीजिए और अपने शरीर को हस्त पुस्ट बनाये।